कृपया गँदा मत कीजिये-पॉडकास्ट

आजकल फिर पॉडकास्टिंग का बोल बाला है . तरकश की अच्छी अच्छी पॉडकास्ट तो सुनते ही थे पॉडभारती भी आ गया/गयी. इस सब को देख हमको यदि हमें भी जोश उमड़ गया ...इस बुढ़ापे में ...तो क्या गलत है .

तो लीजिये पेश है पॉडकास्टिंग के लिये नया चिट्ठा और नयी पॉड्कास्ट.

कई बार हम कुछ पढ़ते हैं तो हमारी इच्छा होती है कि हम उसे अपने मित्रों के संग बाटें . अब इतने बड़े बड़े लेख टाइप तो नहीं किये जा सकते हैं (अभय जी , अफलातून जी और कुछ लोग अपवाद हैं ) पर पॉडकास्ट किये जा सकते हैं.

तो इसी श्रेणी में प्रस्तुत है आज 'देवेन्द्र नाथ शर्मा' के एक ललित निबंध “क़ृपया गंदा मत कीजिये” के प्रमुख अंश.

देवेन्द्र नाथ जी एक दिन सार्वजनिक स्थान पर एक बोर्ड देखते हैं “क़ृपया गंदा मत कीजिये” तो वो चक्कर में पड़ जाते है कि “गंदा” का क्या अर्थ है ..और तब उत्पन्न होता है ये निबन्ध.

"उनके थूक में रंगीनी नहीं थी. यानि वो ताम्बूल सेवी नहीं तम्बाकू सेवी थे. ताम्बूल सेवियों की छाप तो और भी गहरी होती है."

"व्यसनों में भी वर्ग भावना है. बीड़ी पीने की अपेक्षा सिगरेट पीना अधिक आभिजात्य का सूचक है. "

"पाश्चात्य देशों में सफाई की भावना जितनी व्यापक है गंदगी की भावना उतनी ही हमारे यहां."

"हमारे यहां एक को गंदगी लगाते देख दूसरे को भी गंदगी लगाने की प्रेरणा मिलती है. हमारी ये धारणा भी है कि हमारा काम गंदा करना है और साफ करना नगर पालिका का."

"भारत में भावात्मक एकता का कारण गरीबी और गंदगी है."


अब ज्यादा टाइप नहीं होता आप सुन ही लिजिये. प्ले बटन पर चपत (क्लिक) लगायें.

ganda_na_karain.mp...


डाउनलोड करना हो तो इस पेज पर जायें और अपनी पसंद के फॉर्मेट में डाउनलोड करें.फाईल का साईज 7.01 एम बी और फॉर्मेट .mp3 . यानि आप किसी भी मीडिया प्लेयर में सुन सकते है . जैसे विंडोज मीडिया प्लेयर या विन-ऎम्प.

आपकी टिप्पणीयों की प्रतीक्षा है .

Comments

ghughutibasuti said…
पॉडकास्ट अच्छा रहा । सुनवाने के लिए धन्यवाद ।
घुघूती बासूती
Anonymous said…
काकेश , भाई आवाज तो तुम्हारी अच्छी है ही . इस बार जो बैकग्राऊंड म्यूजिक लगाया है वो भी बहुत अच्छा है . कोई पहाडी गाने का पीस है क्या . सच बताऊं मुझे तो ये पॉडकास्ट पॉडभारती से भी अच्छी लगी .तुम भीं किसी के गुट में शामिल हो जाओ भाई ..नही तो कोई टिपियेगा नही
Yunus Khan said…
आपकी आवाज अच्‍छी है पूरा तो नहीं सुना पर जितना सुना उसमें मजा आया । आगे के पॉडकास्‍ट का इंतज़ार रहेगा
Udan Tashtari said…
बहुत बढ़िया रही भाई यह पॉडकास्ट. बेकग्राउन्ड म्यूजिक से साथ कहानी भी बहुत उम्दा है. एक वजनदार आवाज के तो खैर आप मालिक हैं ही, बधाई. आगे इंतजार रहेगा.
RC Mishra said…
काकेश जी कृपया डाउनलोड लिन्क दीजिये, अभी जो तरीका आप बत रहे हैं, उस से सम्भव नही हो पा रहा।
Anonymous said…
yeh to sunai hee nahin de raha.
Arun Arora said…
भाई काकेश बह्त अच्छा ,पर ये तो बताओ जे रिकार्डिग कहा से कराई ,और जे आवाज किसकी है बहुत बढिया है
काकेश said…
धन्यवाद घुघुती जी पॉडकास्ट सुनने और सराहने के लिये.

भाई बेनाम (नाम बताते तो और अच्छा होता)धन्यवाद जी पॉडकास्ट सुनने के लिये.बैक्ग्राउंड में पहाड़ी पीस है.आपने पहचाना अच्छा लगा.आपको शायद मालूम नहीं हम भी एक गुट में शामिल हैं और वो गुट है "हिन्दी चिट्ठाकार" गुट.

यूनूस भाई , समीर जी .. धन्यवाद

मिश्रा जी : धन्यवाद बताने के लिये . लिंक बदल दिया है .आशा है अब आप डाउनलोड कर पायेंगे.

अरुण भाई :रिकॉर्डिंग घर में ही की अपने लैपटॉप और 200 रुपये के माइक्रोफोन से.आवाज मेरी ही है. आपको अच्छी लगी. धन्यवाद.
debashish said…
बहुत अच्छी आवाज़ है काकेश आपकी! आपको निमंत्रण है कि पॉडभारती के लिये भी समय मिलने पर योगदान दें। टिप्पणियाँ मिलेंगी कि नहीं ये वायदा तो नहीं कर सकता पर साझा प्रयासों को हमेशा सराहा जाता है इतना सीखा जाना है।

तुम भीं किसी के गुट में शामिल हो जाओ भाई ..नही तो कोई टिपियेगा नही
भैया अनाम, हमने पॉडभारती पॉडकास्टिंग के लिये शुरु की है गुटबाजी करनी होती तो राजनीति में कूद पड़ते। वैसे ये सही है कि आपके जैसे राजनेता हर जगह सुलभ हैं।

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