जूता पुराण पॉडकास्ट - 1

जब मैने पॉडकास्टिंग शुरु की थी तो उस समय आर.सी.मिश्रा जी ने सुझाया था कि पॉडकास्ट को ब्लौग में ही लगा दें . इसीलिये इस नये ब्लौग में वही करने का प्रयास है.

पहली पॉड्कास्ट पेश है..... इसे यदि पढ़ना चाहें तो यहाँ पढ़ें .

joota_puran1.mp3


आगे से नियमित पॉडकास्ट करने का विचार है. सुनते रहें .

Comments

ePandit said…
इसका मतलब है कि यह ब्लॉग आपने सिर्फ पॉडकास्ट के लिए शुरु किया है। यदि ऐसा है तो आप इसका नाम कुछ ऐसा रख सकते हैं जिससे कि इस बारे में नाम से ही अनुमान हो जाए।

अन्यथा कम से कम आपको दो चिट्ठे एक ही नाम से नहीं बनाने चाहिए, कन्फ्यूजन होता है।

वैसे अगर हिन्दी चिट्ठाजगत के अजीबोगरीब मजेदार नामों को देखते हुए आपके इस पॉडकास्ट ब्लॉग के नाम हेतु मेरा सुझाव है: काँव-काँव

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